“ब्लॉग लेखन” एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने विचारों, अनुभवों और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा कर सकता है। ब्लॉग लेखन एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का रूप है, जिसमें लेखक अपनी रुचियों और ज्ञान के आधार पर विषयों का चुनाव कर सकता है।
ब्लॉग लेखन Summary in Hindi
ब्लॉग लेखन का नाम :
प्रवीण बर्दापूरकर। (जन्म : 3 सितम्बर, 1955.)
ब्लॉग लेखन प्रमुख कृतियाँ :
‘डायरी’, ‘नोंदी डायरीनंतरच्या’, ‘दिवस असे की’, ‘आई’, ‘ग्रेस नावांच गारूड’ आदि।
ब्लॉग लेखन विशेषता :
प्रवीण बर्दापूरकर राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों का गहराई से अध्ययन करने वाले तथा उन्हें समझने वाले निर्भीक पत्रकार के रूप में सुपरिचित हैं। आपने पत्रकारिता के क्षेत्र में ब्लॉग लेखन को बहुत ही लोकप्रिय बनाया है।
प्रवीण जी ने ब्लॉग द्वारा बदलते सामाजिक विषयों को परिभाषित करते हुए जनमानस की विचारधारा को नयी दिशा प्रदान की है। सीधी-सादी, रोचक और संप्रेषणीय मराठी और हिंदी भाषा में लिखे गए ब्लॉग आपके धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं।
ब्लॉग लेखन विषय प्रवेश :
आधुनिक समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में ब्लॉग लेखन का प्रचलन लोकप्रिय बनता जा रहा है। प्रस्तुत पाठ में लेखक ने ब्लॉग लिखने के नियम, ब्लॉग का स्वरूप और उसके वैज्ञानिक पक्ष की चर्चा करते हुए उसके महत्त्व को स्पष्ट किया है। ब्लॉग लेखन जहाँ एक ओर सामाजिक जागरण का माध्यम बन चुका है, वहीं पत्रकारिता के जीवित तत्त्व के रूप में भी स्वीकृत हुआ है तथा बड़ा ही लोकप्रिय माध्यम बन चुका है।
ब्लॉग लेखन पाठ का सार
ब्लॉग लेखन से तात्पर्य :
ब्लॉग अपना विचार, अपना मत व्यक्त करने का एक डिजिटल माध्यम है। ब्लॉग के माध्यम से हम जो कुछ कहना चाहते हैं, उसके लिए किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती। ब्लॉग लेखन में शब्द संख्या का बंधन नहीं होता। हम अपनी बात को जितना विस्तार देना चाहें, दे सकते हैं।
ब्लॉग, वेबसाइट, पोर्टल आदि डिजिटल माध्यम हैं। अखबार, पत्रिका या पुस्तक हाथ में लेकर पढ़ने के स्थान पर उसे कंप्यूटर, टैब या सेलफोन पर पढ़ना डिजिटल माध्यम कहलाता है। इस प्रकार का वाचन करने वाली
पीढ़ी का निर्माण इंटरनेट के महजाल के कारण हुआ है। इसके कारण लेखक और पत्रकार भी ग्लोबल हो गए हैं। नवीन वाचकों की संख्या मुद्रित माध्यम के वाचकों से बहुत अधिक है। इस वर्ग में युवा वर्ग अधिक संख्या में है। इस माध्यम के द्वारा पूरी दुनिया की कोई भी जानकारी क्षण भर में ही परदे पर उपलब्ध हो जाती है।
ब्लॉग की खोज :
ब्लॉग की खोज के संबंध में निश्चित रूप से कोई डॉक्युमेंटेशन उपलब्ध नहीं है, पर जो जानकारी उपलब्ध है, उसके अनुसार जस्टीन है हॉल ने सन 1994 में सबसे पहले इस शब्द का प्रयोग किया। जॉन बर्गर ने इसके लिए वेब्लॉग शब्द का प्रयोग किया था। माना जाता है कि 1999 में पीटर मेरहोल्स ब्लॉग शब्द को प्रस्थापित कर उसे व्यवहार में लाए। भारत मे 2002 के बाद ब्लॉग लेखन आरंभ हुआ और देखते-देखते यह माध्यम लोकप्रिय हो गया।
साथ ही इसे अभिव्यक्ति के नए माध्यम के रूप में मान्यता भी प्राप्त हुई।
ब्लॉग लेखन शुरू करने की प्रक्रिया :
यह एक टेक्निकल अर्थात तकनीकी प्रक्रिया है। इसके लिए है डोमेन अर्थात ब्लॉग के शीर्षक को रजिस्टर्ड कराना होता है। इसके बाद उसे किसी सर्वर से जोड़ना पड़ता है। उसमें अपनी विषय सामग्री समाविष्ट करके हम इस माध्यम का प्रयोग कर सकते हैं। इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी ‘गूगल’ पर उपलब्ध है। कुछ विशेषज्ञ इस संदर्भ में सशुल्क सेवाएँ देते हैं।
ब्लॉग लेखक के लिए आवश्यक गुण :
ब्लॉग लेखक के पास लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए बहुत-से विषय होने चाहिए। विपुल पठन, चिंतन तथा भाषा का समुचित ज्ञान होना आवश्यक है। भाषा सहज और प्रवाहमयी हो तो पाठक उसे पढ़ना चाहेगा। साथ ही लेखक के पास विषय से संबंधित संदर्भ, घटनाएँ और यादें हों तो ब्लॉग पठनीय होगा। जिस क्षेत्र या जिस विख्यात व्यक्ति के संदर्भ में आप लिख रहे हैं, उस व्यक्ति से आपका संबंध कैसे बना?
किसी विशेष भेंट के दौरान उस व्यक्ति ने आपको कैसे प्रभावित किया? यदि वह व्यक्ति आपके निकटस्थ परिचितों में है तो उसकी सहृदयता, मानवता आदि से संबंधित कौन-सा पहलू आपकी स्मृति में रहा। ऐसे अनेक विषय शब्दांकित किए जा सकते हैं।
ब्लॉग लेखन में विषय में आशय की गहराई आवश्यक है। प्रवाहमयी कथन शैली, सीधी-सादी और सहज भाषा का प्रयोग किया जाए, तो पाठक विषय सामग्री से शीघ्र ही एकरूप हो जाता है। ब्लॉग लेखन में क्लिष्ट शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए। उचित विशेषणों का प्रयोग भाषा को सुंदरता प्रदान करता हैं और पाठक इसकी ओर आकर्षित होता है। भाषा केवल शब्दों का समूह ही नहीं होता, बल्कि प्रत्येक शब्द का एक विशिष्ट अर्थ होता है।
सहज-सरल होने के साथ-साथ भाषा का बाँकपन ब्लॉग लेखन की गरिमा को बढ़ाता है। किसी भी शैली का विकास एक दिन में नहीं हो जाता। सतत लेखन के द्वारा ही यह संभव है। जिस प्रकार एक गायक प्रतिदिन रियाज करके राग और बंदिश में निपुण हो पाता है, उसी प्रकार निरंतर लेखन से लेखक की एक शैली विकसित होती है और पाठक को प्रभावित करती है।
ब्लॉग लेखन में आवश्यक सावधानियाँ :
ब्लॉग लेखन में इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि उसमें मानक भाषा का प्रयोग हो। व्याकरणिक अशुद्धियाँ न हों। ब्लॉग लेखन के लिए प्राप्त स्वतंत्रता का उचित उपयोग करना चाहिए। लेखन की स्वतंत्रता से हमें यह नहीं समझना चाहिए कि हम कुछ भी लिख सकते हैं।
आक्रामकता का अर्थ गाली-गलौज अथवा अश्लील शब्दों का प्रयोग करना नहीं है। पाठक ऐसी भाषा को पसंद नहीं करते। ब्लॉग लेखक को किसी की निंदा करना, किसी पर गलत टिप्पणी करना, समाज में तनाव की स्थिति उत्पन्न करना है आदि बातों से दूर रहना चाहिए। बिना सबूत के किसी पर आरोप लगाना एक गंभीर अपराध है। पाठक ऐसे लेखकों की बात गंभीरता से नहीं पढ़ते। परिणामस्वरूप ब्लॉग की आयु अल्प हो जाती है।
ब्लॉग लेखन करते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो पाठक ही हमारे ब्लॉग के प्रचारक बन जाते हैं। एक पाठक दूसरे से और दूसरा तीसरे से सिफारिश करता है और पाठकों की श्रृंखला बढ़ती चली जाती है।
ब्लॉग लेखन का प्रसार :
ब्लॉग लेखक अपने ब्लॉग का प्रचार-प्रसार स्वयं कर सकता है। विज्ञापन, फेसबुक, वॉट्सऐप, एस एम एस आदि द्वारा इसका प्रचार होता है। आकर्षक चित्रों, छायाचित्रों के साथ विषय सामग्री यदि रोचक हो तो पाठक ब्लॉग की प्रतीक्षा करता है और उसका नियमित पाठक बन जाता है।
ब्लॉग लेखन से आर्थिक लाभ : ब्लॉग लेखन से आर्थिक लाभ भी होता है। विशेष रूप से हिंदी और अंग्रेजी ब्लॉग लेखन का पाठक वर्ग व्यापक होने के कारण इससे अच्छी आय होती हैं। विद्यार्थी अपने अनुभव तथा विचार ब्लॉग लेखन द्वारा साझे कर सकते हैं।
प्रत्येक विद्यार्थी अपनी जीवन शैली, अपना संघर्ष, अपनी सफलताएँ विभिन्न रूपों में अभिव्यक्त कर सकता है। राजनीतिक विषयों के लिए अच्छा प्रतिसाद मिल सकता है। शिक्षा विषयक ब्लॉग पढ़ने वाला पाठक वर्ग बहुत बड़ा है। यात्रा वर्णन, आत्मकथात्मक तथा विश्व से जुड़े जीवन की प्रेरणा देने वाले विषय भी बड़े चाव से पढ़े जाते हैं।
Conclusion
ब्लॉग लेखन एक लोकप्रिय तरीका है अपने विचारों, अनुभवों और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करने का। ब्लॉग लेखन एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का रूप है, जिसमें लेखक अपनी रुचियों और ज्ञान के आधार पर विषयों का चुनाव कर सकता है। ब्लॉग लेखन के कई लाभ हैं, जैसे कि यह एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का रूप है, यह दूसरों के साथ विचारों और अनुभवों को साझा करने का एक तरीका है, यह ज्ञान और जानकारी को दूसरों तक पहुंचाने का एक तरीका है, और यह एक ऑनलाइन पहचान बनाने और एक समुदाय बनाने का एक तरीका है।