“Bihari” is a short novel centered around characters in a particular time period. This story portrays the life of Bihari, who resides in a small village. Bihari is an ordinary individual whose life revolves around agriculture and rural life. His routine is filled with farming activities and engagement in the village’s social affairs. Read More Class 12 Summaries.
बिहारी के दोहे Summary In Hindi
बिहारी जीवन परिचय
प्रश्न-कवि बिहारी लाल का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।
रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि बिहारी लाल का जन्म ग्वालियर के निकट गाँव बसुवा गोबिंदपुर में सन् 1595 को हुआ। इनके पिता केशव राय माथुर चौबे ब्राह्मण थे। सात-आठ वर्ष की अवस्था में आप अपने पिता के साथ ओरछा चले आए, इन्होंने यहीं केशवराय से काव्य की शिक्षा ली थी। विवाह के पश्चात् वे अपनी ससुराल मथुरा में रहने लगे थे। जयपुर नरेश जयसिंह ने इनकी प्रतिभा से प्रसन्न होकर इन्हें अपना राजकवि बना लिया था। यहीं पर इन्होंने ने अपनी प्रसिद्ध रचना ‘बिहारी सतसई’ की रचना की थी। उसके प्रत्येक दोहे पर इन्हें राजा ने एक स्वर्ण मुद्रा पुरस्कारस्वरूप प्रदान की थी। बिहारी सतसई में कुल 713 दोहे हैं। पत्नी का देहान्त होने पर बिहारी विरक्त होकर वृन्दावन आ गए। यहीं सन् 1663 में इनका निधन हो गया।
बिहारी दोहों का सार
बिहारी द्वारा रचित भक्ति के दोहों में राधा जी से सांसारिक बाधाओं से मुक्ति प्रदान करने की याचना की गई है तथा आडंबरपूर्ण भक्ति को व्यर्थ बताया गया है। सौंदर्य-वर्णन में नायक और नायिका के सौंदर्य का आकर्षक चित्रण किया गया है तथा नीति के दोहों में व्यर्थ की प्रशंसा के स्थान पर गुणों को महत्त्व देने, समय पर काम आई वस्तु को श्रेष्ठ मानने, अज्ञानता के कारण ईश्वर को न जानने, लोभ के दुर्गुणों तथा उचित धन संग्रह के संबंधों में बताया गया है।