माँ का लाल Summary In Hindi

“माँ का लाल” एक दिलचस्प हिंदी कहानी है जो माँ-बेटे के बीच के प्यार और संबंध को प्रकट करती है। इस कहानी में हमें एक माँ की ममता और बेटे के प्रेम की गहराईयों को देखने का मौका मिलता है, जो उनके जीवन के खास पलों को हासिल करते हैं। “माँ का लाल” हमें माँ के प्यार और समर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका को समझाती है। Read More Class 7 Hindi Summaries.

माँ का लाल Summary In Hindi

माँ का लाल पाठ का सार

‘माँ का लाल’ एक एकांकी है, जिसमें लेखक ने एक देशभक्त बालक के आत्म बलिदान द्वारा देश के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दी है। रमा रसोई बना रही थी तभी उस का पन्द्रह वर्षीय बेटा माधव बाज़ार में सौदा लेकर आया। रमा ने उसके देर से आने का कारण पूछा तो उसने बाजार से लगी भीड़ में हो रही चर्चा के विषय में बताया कि गाँधी जी आठ अगस्त की रात को बन्दी बना लिए गए हैं। उनके साथ हज़ारों दूसरे लोग भी गिरफ्तार हुए हैं। रमा उसे यह सब छोड़ कर अपना काम करने के लिए कहती है। तभी पसीना-पसीना हुए माधव के पिता सोहन लाल आए और उन्होंने बताया कि रेलगाड़ी उड़ाने की अफवाह सुनकर वे लारी से आए थे।

रमा ने रेल उड़ाने पर कहा कि रेलें तो सबकी हैं, उन्हें उड़ाने की क्या तुक है? सोहन लाल इससे परेशान सब की बात बताई और कहा कि इस बार ज़रूर अंग्रेज़ सरकार से लड़ाई होगी। माधव अपने बारे में जानना चाहता था कि वे किसके साथ थे ? रमा ने उसे झिड़ककर अपना काम करने के लिए कहा। दूसरे दृश्य में पार्टी के दफ्तर पर तिरंगा झंडा लगा हुआ था। माधव ने वहाँ जा कर सभापति से पूछा कि महात्मा .. जी करो या मरो का नारा देकर चले गए थे, वह क्या करे, यही पूछने आया था। सभापति ने अभी उसे पढ़ने-लिखने के लिए कहा तथा स्वयं वहाँ से चले जाना चाहा, क्योंकि वहाँ पुलिस के आने की उन्हें सूचना मिल चुकी थी।

तीसरे दृश्य में माधव और गाँव के कई बालक रात के पहले पहर में एक मैदान में एकत्र होकर नेताओं की गिरफ्तारी तथा पुलिस की पकड़-धकड़ पर बातें कर रहे थे। स्कूल बन्द हो गए थे। वे देश के लिए कुछ करना चाहते थे। तभी वहाँ सभापति ने उन्हें काम बताया कि वे और उन के साथी यहाँ छिपकर रह रहे थे और देश को आजाद कराने की लड़ाई लड़ रहे थे। यदि पुलिस या फ़ौज इधर आए तो उस की सूचना उन्हें देने के लिए कहा। उन्होंने माधव को लड़कों का नेता बना दिया।

चौथे दृश्य में गाँव से लगे मैदान में फ़ौजी और पुलिस वाले गाँव वालों को सिर नीचा कर एक लाइन में बिठा कर तोड़-फोड़ करने वालों के विषय में पूछ रहे थे पर कोई कुछ बता नहीं पाया। फ़ौजी ने उन्हें फिर पूछा और धमकी दी कि बता दो नहीं तो सब मारे जाओगे। इस पर एक आदमी ने बताया कि एक लड़का माधव गाँववालों से खाना माँगकर उन्हें पहुँचाता है, उसे पता होगा। फ़ौजी ने माधव को उन में से अलग कर दिया। तो माधव ने उस आदमी के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि वह गाँव वालों को बचाने के लिए अपनी जान दे देगा पर उन लोगों का नाम नहीं बताएगा। उसने कुछ बुकनी-सी निकालकर अपने मुँह में डाल लिया और देखते-ही-देखते मर गया। फ़ौजी ने सब को वहाँ से जाने दिया।

पाँचवां दृश्य बहुत दिनों बाद गाँव की सभा का था। मंच पर गाँधी जी और माधव के चित्र थे। सभापति देश को स्वतंत्र कराने में माधव का योगदान महत्त्वपूर्ण बताया, जिसने गाँव को बचाया, देश आज़ाद कराया परन्तु स्वयं चला गया। सब लोगों ने उनकी जय बोली और पर्दा गिर गया।

Conclusion:

“माँ का लाल” का संग्रहण हमें माँ-बेटे के संबंध की महत्वपूर्णता को समझाता है, और यह दिखाता है कि माँ की ममता और प्यार हमारे जीवन में अत्यधिक मूल्यवान होते हैं। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हमें अपने माता-पिता के प्रति हमारी कृतज्ञता और प्रेम का महत्व समझना चाहिए, और हमें उनके साथ बिताए गए समय को महत्वपूर्ण बनाना चाहिए।

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