“प्रार्थना” एक प्रसिद्ध हिन्दी कविता है, जिसे महाकवि रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। इस कविता में, कवि भगवान से अपनी आत्मा के गहरे संवाद की प्रार्थना करते हैं और वे आध्यात्मिक जागरूकता और आंतरिक शांति की खोज में लगे रहने की इच्छा व्यक्त करते हैं। “प्रार्थना” एक गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश लेने वाली कविता है। Read More Class 6 Hindi Summaries.
प्रार्थना Summary In Hindi
प्रार्थना कविता का सार
हे ईश्वर! तू हम सबका मालिक है। तू क्षमाशील है और हर एक के मन की बात को समझने वाला है। हम बच्चे तेरे ही गुणों को प्राप्त करें और अच्छे काम करें। तू ज्ञान रूपी ज्योति का भंडार है। हम तेरी दया को प्राप्त करें। तेरी कृपा से हम उदार बनें और अपने जीवन से पाप और अज्ञान को दूर करें। तू तेजवान है, महान् है। तू हमें विद्या, विवेक, शील और धैर्य प्रदान कर। तुम्हारी कृपा से हम देश के रक्षक वीर सपूत बनें। हम निडर बनें और अपने मातापिता तथा गुरुओं की सेवा करें। तू तो सब पर दया करने वाले हो। तुम हम पर भी दया करो और हमारे अज्ञान को मिटा दो। हम पढ़-लिख कर सदा संसार का कल्याण करें।
Conclusion:
“प्रार्थना” कविता का संक्षेप इसे व्यक्ति के आत्मज्ञान और भगवान के साथ आंतरिक संवाद की अद्वितीय महत्वपूर्णता को प्रमोट करने में है। यह हमें आत्मा के आध्यात्मिक विकास की ओर मोड़ने की प्रेरणा देती है और भगवान की खोज में हमारे सफलता के रास्ते को प्रकट करती है। इसका संदेश है कि आध्यात्मिक साक्षरता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होनी चाहिए।