In summary, “Apana-Apana Dukh” in English conveys the idea of individual or personal suffering, emphasizing its subjective and personal nature.
अपना-अपना दुःख Summary In Hindi
अपना-अपना दुःख कथा सार
‘अपना-अपना दुःख’ ‘सिमर सदोष’ की रिश्तों की संवेदनशीलता से जुड़ी एक लघुकथा है। पति-पत्नी दोनों एकदूसरे के दुःख कम करने के लिए अपना-अपना दुःख भीतर लिए रहते हैं। लेखक अपनी पत्नी से अपना दुःख छिपाने के लिए उससे नजर नहीं मिलाता। वह अपनी बेटी की सभी निशानियों को पत्नी की नज़रों से दूर कर देता है। लेखक के हाथ में बेटी की बोतल का निप्पल लगा है। उसे अपने अंदर कुछ टूटता हुआ लगता है। उसकी आँखों से आँसू निकलने लगते हैं। राशि उसके दुःख को अनुभव करती है। लेखक अपना दुःख उसे छिपा लेता है। इस तरह दोनों रात अंधेरे में एक-दूसरे से आंसू छिपा लेते हैं।