भीड़ में खोया आदमी Summary In Hindi

The phrase “Bheed Me Khoya Aadmi” in English translates to “A Lost Man in the Crowd.” This expression represents a common feeling of anonymity and disorientation that individuals often experience when they are surrounded by a large number of people or when they feel lost in a bustling crowd. Read More Class 11 Hindi Summaries.

भीड़ में खोया आदमी Summary In Hindi

भीड़ में खोया आदमी निबन्ध का सारांश

भीड़ में खोया आदमी’ लीलाधर शर्मा पर्वतीय द्वारा लिखित निबंध है। इस निबंध में लेखक ने देश की बढ़ती जनसंख्या से उत्पन्न होने वाली विकट समस्याओं का वर्णन किया है। बढ़ती जनसंख्या से बेरोज़गारी, घटते हुए मकान और खाद्यान्न, अस्पतालों में बढ़ते मरीज, रेलों और बसों की भीड़ आदि सभी समस्याएं होती हैं।

लेखक के एक अभिन्न मित्र हैं-बाबू श्यामलाकान्त। वैसे तो वे परिश्रमी हैं, इमानदार हैं किन्तु निजी ज़िन्दगी के प्रति बड़े लापरवाह हैं। उमर में लेखक से छोटे होने पर भी अपने घर में बच्चों की फ़ौज खड़ी कर ली है। पिछले दिनों लेखक को उनकी लड़की के विवाह में शामिल होने के लिए हरिद्वार जाना था। पन्द्रह दिन पूर्व आरक्षण के लिए रेलवे स्टेशन पर गया। घंटों लाइन में लगने के बाद पता लगा कि किसी भी गाड़ी में स्थान खाली नहीं। विवश होकर लेखक को बिना आरक्षण के ही सफर करना पड़ा। लेखक ने पाया की गाड़ी में बहुत अधिक भीड़ थी और लोग ट्रेन की छत पर बैठ कर सफर कर रहे थे। । स्टेशन पर लेखक के मित्र का बड़ा लड़का उसे लेने आया था। उस लड़के को दो वर्ष हो चुके थे पढ़ाई पूरी किये। किन्तु अभी तक बेकार था। लेखक सोचने लगा कि इस छोटे से शहर का यह हाल है तो बड़े शहरों में बेकारों की कितनी भीड़ रही होगी।

लेखक ने अपने मित्र के घर आकर देखा कि उसका दो कमरों का मकान उसे बहुत छोटा पड़ रहा था लेखक के मित्र ने बताया कि बहुत ढूँढ़ने पर भी उसे यही मकान मिला। जनसंख्या बढ़ने के कारण मकान और खाद्यान्न घट रहे हैं। लेखक के सामने जब उसके मित्र के बच्चे आए तो उसे लगा कि वे सभी अस्वस्थ हैं। मित्र की पत्नी ने बताया कि अस्पतालों में इतनी भीड़ है कि डॉक्टर लोग ठीक से मरीजों को देख नहीं पाते।

मित्र की पत्नी ने यह भी बताया कि दुकानदार आजकल ग्राहक का स्वागत नहीं करते उल्टे ग्राहकों को अपना काम करवाने के लिए उनकी मिन्नत-समाजत या चापलूसी करनी पड़ती है। लेखक को इन सभी समस्याओं का एक ही कारण लगा देश की बढ़ती जनसंख्या। यदि समय रहते इस समस्या पर काबू न पाया गया तो ये समस्याएँ देश को खा जाएँगी।

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