“हाथी कैसे तोला गया” एक महत्वपूर्ण गांधीवादी आंदोलन की कहानी है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सैतान हाथी के उपयोग का विरोध किया गया। इस कहानी में गांधीजी के नेतृत्व में लोगों का एकजुट होकर सैतान हाथी के खिलाफ विशाल आंदोलन की दर्शाई गई है, जिससे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को मजबूती मिली।
हाथी कैसे तोला गया Summary in Hindi
हाथी कैसे तोला गया पाठ का सार
बहुत समय पहले की बात है कि हमारे देश में एक राजा राज्य करता था। प्रजा उसे बहुत चाहती थी। उसके पास एक हाथी था, जिसे वह बहुत प्यार करता था। एक बार उसके राज्य में सूखा पड़ा। बहुत समय तक वर्षा न होने के कारण अनाज पैदा न हुआ और लोग दुःखी रहने लगे। राजा ने लोगों के लिए अनाज के भण्डार खोल दिए। उसने ग़रीबों की सहायता के लिए अपने प्रिय हाथी के भार के बराबर सोना तोल कर ग़रीबों में बाँटने का निश्चय किया। पर एक उलझन यह थी कि इतने बड़े हाथी का भार कैसे तोला जाए ? उन दिनों भार तोलने की इतनी बड़ी मशीनें नहीं थीं। तब राजा ने प्रजा में यह घोषणा करवाई कि जो मनुष्य हाथी को तोलने का तरीका बतलाएगा, उसे वह सोने से भरी दस थैलियाँ इनाम में देगा।
बहुत-से लोगों ने सोचा लेकिन हाथी को तोलने का कोई उपाय न सूझा। अन्त में एक सेवक ने आकर बताया कि एक मछुआ हाथी को तोलने के लिए तैयार है। राजा अपने सेवकों के साथ हाथी को लेकर मछुआरे के पास गया। मछुआरे ने कहा कि पहले एक बड़ी नाव बनाई जाए। मछुआरे तथा राजा के सेवकों ने मिलकर सौ दिन मेहनत करके एक नाव तैयार की। उस नाव को समुद्र में उतारा गया। हाथी को नाव पर चढ़ाया गया।
नाव का बहुत-सा भाग पानी में डूब गया। जहाँ तक नाव पानी में डूबी मछुआरे ने वहाँ निशान लगा लिया। फिर हाथी को नाव से उतार कर सोना भर दिया गया। जब निशान वाले स्थान तक नाव पानी में डूब गई तब मछुए ने कहा यही हाथी के भार के बराबर सोना है। मछुए की सूझ-बूझ देखकर सब हैरान हुए। सभी ने उसकी प्रशंसा की। राजा ने उसे पुरस्कार दिया।
Conclusion:
“हाथी कैसे तोला गया” एक महत्वपूर्ण इतिहासिक घटना की यादगार कहानी है, जिसमें गांधीजी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक अद्वितीय पहल को प्रस्तुत किया गया है। इसके माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि एक ऐसा आंदोलन जिसमें अहिंसा, संयम, और एकजुटता का महत्व हो, किसी भी दुश्मन को हार सकता है और स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए सहायक हो सकता है। इससे हमें गांधीवादी आदर्शों की महत्वपूर्ण भूमिका और अनूठी ताकत का आदर करने का संदेश मिलता है।