“Himat Aur Jindagi” translates to “Courage and Life” in English. Read More Class 9 Hindi Summaries.
हिम्मत और जिंदगी निबंध Summary In Hindi
हिम्मत और जिंदगी जीवन-परिचय
जीवन परिचय-रामधारी सिंह दिनकर हिंदी के श्रेष्ठ लेखक माने जाते हैं। उनका जन्म सन् 1908 ई० में बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में हुआ था। इनकी आरंभिक शिक्षा गांव में हुई। इन्होंने बी०ए० की शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की। ये भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। सन् 1952 से 1964 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। कई वर्ष तक भारत सरकार के हिंदी सलाहकार भी रहे। सन् 1974 ई० में इनकी मृत्यु हो गई।
प्रमुख रचनाएँ-दिनकर बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार माने जाते हैं। इन्होंने अनेक प्रसिद्ध रचनाएँ लिखी हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं
काव्य-रेणुका, हुँकार, कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रसवंती, परशुराम की प्रतीक्षा आदि। गद्य-संस्कृति के चार अध्याय, काव्य की भूमिका, अर्द्धनारीश्वर, मिट्टी की ओर आदि।
साहित्यिक विशेषताएँ-दिनकर की रचनाओं में राष्ट्रीयता तथा विश्वबंधुत्व की भावना के दर्शन होते हैं। इन्होंने अपने साहित्य में समाज, संस्कृति धर्म का यथार्थ वर्णन किया है। रामधारी सिंह दिनकर की भाषा सरल, सहज एवं स्वाभाविक है। इनकी भाषा प्रौढ़ एवं प्रांजल है। इस निबंध की भाषा शैली सरल एवं सहज है। इसमें तत्सम शब्दावली की अधिकता है।
हिम्मत और जिंदगी निबंध का सार
हिम्मत और जिंदगी रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित एक प्रमुख निबंध है। इसमें लेखक ने उस सत्य का वर्णन किया है जिसके अनुसार हिम्मत, परिश्रम, साहस, कर्मठता आदि तत्व हमारी सफलता के आधार बिंदु हैं। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। जिंदगी का असली मज़ा फूलों के नीचे खेलने और सोने वालों के लिए नहीं बल्कि दूर रेगिस्तान से आने वालों के लिए होता है। पानी के अमृत तक को केवल वही जानता है जो धूप में सूख चुका है। सुखों का असली आनंद उनका मूल्य चुकाने पर ही मिलता है। पानी से बचने वालों के लिए ही समुद्र में डूबने का खतरा होता है। लहरों पर तैरने वाले तो मोती लेकर ही बाहर निकलते हैं। जीवन में चांदनी की ताज़गी और शीतलता का मजा वही मनुष्य लेता है जो दिनभर धूप में थककर लेटा है। घर के अंदर पंखे के नीचे सोने वाला मनुष्य इसका आनंद नहीं ले सकता। भोजन का असली स्वाद उसी को मिलता है जो कुछ दिन बिना खाए भी रह लेता है।
जीवन का भोग त्याग के साथ करो यह केवल परमार्थ का ही उपदेश नहीं है। संयमी व्यक्ति को ही योग का आनंद प्राप्त होता है। संसार में बड़ी चीजें बड़े संकटों में ही विकसित होती हैं। ठीक वैसे बड़े लोग बड़ी मुसीबतों में पलकर दुनिया पर कब्जा करते हैं, अकबर ने तेरह वर्ष में ही अपने पिता के दुश्मन को हरा दिया था। महाभारत में देश के अधिकांश वीर कौरवों के पक्ष में थे किन्तु फिर भी जीत पांडवों की हुई क्योंकि उन्होंने लाक्षाग्रह की मुसीबत झेली और बनवास में कष्ट उठाया था। जिंदगी की दो सूरतें हैं। एक तो आदमी को असफलताओं से न घबराते हुए उनका सामना करते हुए अपने उद्देश्य को पाने का प्रयास करना चाहिए। दूसरी आदमी को उन ग़रीबों का साथी बन जाना चाहिए जो केवल दुःख पाते हैं। साहस की जिंदगी सबसे श्रेष्ठ होती है। यह बिल्कुल निडर और बेखौफ़ होती है।
साहसी मनुष्य कभी भी तमाशा देखने वालों की चिंता नहीं करता। वह केवल अपना कर्म करता है। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी ही दुनिया की असली शक्ति है। दूसरों के पीछे चलना एक सामान्य आदमी का काम होता है। क्रांतिकारी कभी अपने उद्देश्यों की तुलना दूसरों से नहीं करते। वे केवल अपना कार्य करते हैं। साहसी व्यक्ति कभी सपने उधार नहीं लेता। वह तो अपने सपने देखता है। समूह में तो भैंस और भेड़ चलती हैं, शेर तो सदा अकेला चलता है।
जिंदगी में सदा खतरे बने रहते हैं। जिंदगी जीते समय अनेक खतरे बने रहते हैं। असली जिंदगी इन खतरों का साहस से मुकाबला करने में होती है। संकटों का सामना करना जिंदगी की पूंजी होती है। अंत में लेखक ने जीवन के साधकों को साहसपूर्ण जिंदगी तथा खतरों का सामना करने का संदेश दिया है। उन्हें उद्देश्य को प्राप्त करने की प्रेरणा दी है।
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