मैं सबसे छोटी होऊँ Summary In Hindi

“मैं सबसे छोटी होऊँ” एक कहानी है जो एक छोटी सी बच्ची के जीवन के संघटनों और उसके दृष्टिकोण की दिलचस्प झलकियों को प्रस्तुत करती है। इस कहानी में हम उस छोटी सी लड़की के सपनों और संघर्षों का साथी बनते हैं जो हमें सबसे बड़ी सफलता उसकी आत्मविश्वास में प्राप्त होती है। Read More Class 6 Hindi Summaries.

मैं सबसे छोटी होऊँ Summary In Hindi

मैं सबसे छोटी होऊँ कविता का सार

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एक लड़की अपनी माँ के सामने अपने हृदय की इच्छा व्यक्त करती है। वह चाहती है कि वह सदा सबसे छोटी बनी रहे। उसकी गोद में सोये। आँचल को पकड़ कर उसके पीछे-पीछे घूमती रहे और कभी उसके हाथ को न छोड़े। उसे माँ से शिकायत है कि वह अपने बच्चों को बड़ा करके उन्हें ठगती है। बच्चों के बड़े हो जाने के बाद वह उनके साथ दिन-रात नहीं घूमती। अपने हाथ से खिलाना, नहलाना-सजाना, परियों की कहानियाँ सुनाना आदि पहले की तरह नहीं करती। इसलिए लड़की माँ के प्यार को पहले की तरह पाने के लिए बड़ी नहीं होना चाहती।

Conclusion:

“मैं सबसे छोटी होऊँ” एक दिलचस्प कहानी है जो हमें यह सिखाती है कि आत्मविश्वास, संघर्ष और सपनों का पीछा करना कितना महत्वपूर्ण है। छोटी उम्र में भी, जब सही मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए आग्रह और संघर्ष होते हैं, तो असमान शक्तियों को पार किया जा सकता है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी का आकार या उम्र उनकी सामर्थ्य को मापने के लिए पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उनका सपना और आत्मविश्वास ही असली मानक होते हैं।

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