वापसी कहानी Summary In Hindi

“Wapsi Kahani Summary” After retirement Ramji millers offered him a job in their sugar mill but he did not accept because of his dream of being with the family. Now he sent consent for that. Read More Class 12 Summaries.

वापसी कहानी Summary In Hindi

वापसी जीवन परिचय

उदयशंकर भट्ट का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।

उदयशंकर भट्ट जी का जन्म सन् 1897 ई० में उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुआ। शिक्षा-प्राप्ति के पश्चात् आपने लायलपुर (पाकिस्तान) के एक स्कूल में संस्कृत अध्यापक के रूप में नौकरी शुरू की। वहाँ से आप सनातन धर्म संस्कृत कॉलेज, लाहौर में पढ़ाते रहे। यहीं पर इन्होंने साहित्य साधना आरम्भ की। विभाजन के बाद इन्होंने दिल्ली के आकाशवाणी केंद्र में कार्य किया। इनके अभिनव एकांकी, स्त्री का हृदय, आदिम युग, समस्या का अन्त, अन्धकार और प्रकाश तथा पर्दे के पीछे एकांकी संग्रह विशेष उल्लेखनीय हैं। इन्होंने अनेक रेडियो एकांकी भी लिखे हैं। सन् 1964 ई० में इनका निधन हो गया था।

वापसी एकांकी का सार

वापसी एकांकी का सार लिखो।

रायसाहब राम प्रसन्न पैंतीस वर्ष तक रंगून में काम करने के बाद स्वदेश लौटे हैं। बर्मा में उन्होंने काफ़ी धन कमाया था जिसे लेकर वे स्वदेश लौटे थे। घर उनका कोई नहीं था अतः वे एक सम्बन्धी के यहाँ ठहरें। दिन-रात शराब में मस्त रहने के कारण उनका स्वास्थ्य गिर गया। एकांकी का जब पर्दा उठता है तो रायसाहब पलंग पर लेटे हैं। उसी कमरे में उनका कैशबक्स भी पड़ा है।

रायसाहब की बेटी अपनी मासी से उनके इस तरह लेटे होने का कारण जानना चाहती है तो मासी सरोजिनी इसे अपना मन्दभाग्य बताती है कि वह रायसाहब को शराब पीने से न रोक सकी। सरोजिनी सन्दूक की चाबियों के गुच्छे की तलाश करती है। तभी उनका पड़ौसी सिद्धेश्वर आकर रायसाहब को किसी डॉक्टर को दिखाने की बात कहता है और उन्हें मृत्यु के करीब जानकर कोई दान-पुण्य की बात कहता है।

सरोजिनी किसी पण्डित से उन्हें गीता सुनाने की बात कहती है। सिद्धेश्वर उन्हें ज़मीन पर उतार देने की बात कहता है। तभी रायसाहब के सम्बन्धी अम्बिका, उनके भाई दीनानाथ तथा दीनानाथ का साला वंशीधर आते हैं। वे सब रायसाहब की मृत्यु निकट देख उनके कैशबक्स की चाबियों के लिए आपस में छीना-झपटी करते हैं, गाली-गलौच करते हैं और सौदेबाज़ी पर उतर आते हैं। अन्त में पता चलता है कि रायसाहब नाटक कर रहे थे। वे उठ बैठते हैं और अपने सगे सम्बन्धियों के व्यवहार से निराश होकर बर्मा वापस जाने का निर्णय करते हैं।

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