“एण्ड्रोक्लीज़ और शेर” एक प्रमुख यूनानी नाटक है जो एस्किलस द्वारा लिखा गया था और पुरानी यूनानी तथा विश्वसाहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से में माना जाता है। इस नाटक में मुख्य कथाओं में एण्ड्रोक्लीज़ का वीरता और शेर का विजय कार्य उद्घाटित है, जिससे वे महान योद्धाओं के रूप में प्रसिद्ध होते हैं। “एण्ड्रोक्लीज़ और शेर” नृत्य, कला, और जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने का एक माध्यम होता है और इसे क्लासिकल ग्रीक नाटकों का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। Read More Class 7 Hindi Summaries.
एण्ड्रोक्लीज़ और शेर Summary In Hindi
एण्ड्रोक्लीज़ और शेर पाठ का सार
‘एण्ड्रोक्लीज़ और शेर’ कहानी में लेखक ने गुलामी को एक अभिशाप बताते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि किए हुए उपकार का फल अवश्य मिलता है। पशु भी उन पर किए गए अहसान को कभी नहीं भूलते हैं। इस कहानी में रोम में गुलामी की प्रथा का वर्णन किया गया है।
एण्ड्रोक्लीज़ रोम का एक गुलाम था। उसका मालिक उसे रोम से अफ्रीका ले गया। वहाँ उससे खूब काम लिया जाता था, परन्तु एण्ड्रोक्लीज़ को न पहनने को पूरे कपड़े मिलते और न ही पेट भर भोजन। वह मालिक के बर्ताव से बहुत तंग आ चुका था। एक दिन वह घर से भाग निकला। वह अंधेरे में रास्ता भूल गया और भटकते-भटकते पहाड़ की खोह में जाकर लेट गया, जहाँ वह सो गया। एक दिल दहलाने वाली दहाड़ सुन कर वह जाग उठा। उसने देखा कि एक शेर रास्ते रोके खड़ा था। उसने देखा शेर बारबार अपना पंजा चाट रहा था। उसके पंजे से खून बह रहा था। पंजे में एक बड़ा काँटा चुभा हुआ था। एण्ड्रोक्लीज़ ने शेर के पंजे से काँटा निकाल दिया। थोड़ी देर में पंजे से खून बहना बन्द हो गया।
शेर लंगड़ाता हुआ वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद शेर ने एक मरा हुआ खरगोश लाकर वहाँ डाल दिया। एण्ड्रोक्लीज़ ने खरगोश को भूनकर खा लिया। दोनों दोस्त बनकर खोह में रहने लगे। एण्ड्रोक्लीज़ को वहाँ कई महीने बीत गए। जंगल के जीवन से तंग आकर एक दिन वह वहाँ से चल दिया। कुछ दिनों बाद एण्ड्रोक्लीज़ को सिपाहियों ने पकड़ लिया। उसे कानून के अनुसार मौत की सज़ा सुनाई गई। भूखे शेर को पिंजरे से निकालकर कर दंगल के मैदान में छोड़ दिया गया। एण्ड्रोक्लीज़ को दंगल के मैदान में लाया गया। शेर दहाड़ता हुआ आगे बढ़ा, पर एण्ड्रोक्लीज़ को देखकर एकाएक रुक गया। शेर एण्ड्रोक्लीज़ के सामने पालतू कुत्ते के समान दुम हिलाने लगा। यह वही शेर था जिसके साथ वह खोह में रहा था। उसने शेर की पीठ थपथपाई।
बादशाह ने एण्ड्रोक्लीज़ को अपने पास बुलाया। उसने बादशाह को सारा किस्सा सुनाया। बादशाह सुनकर दंग रह गया। उसने सोचा पशु भी अपने ऊपर किये उपकार को नहीं भूलते। उसने एण्ड्रोक्लीज़ को आज़ाद कर दिया। शेर भी उसे सौंप दिया गया। शेर उसके साथ पालतू कुत्ते की तरह रहता था।
Conclusion:
“एण्ड्रोक्लीज़ और शेर” एक महत्वपूर्ण यूनानी नाटक है जो महाकवि में दिग्दर्शित किए गए वीरता, धर्म, और विजय के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रस्तुत करता है। एस्किलस की रचना ने साहित्य और नाटक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया है और इसके मुख्य पात्रों की वीरता और संघर्ष के माध्यम से हमें जीवन के अद्वितीय पहलुओं को समझाने का अवसर प्रदान किया है। इस नाटक का संदेश है कि विश्वास, साहस, और समर्पण के साथ हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।