“कराहती दहाड़” एक हिंदी कविता है जो एक शेर की तरह अपनी आवाज़ बुलंद करके समाज की समस्याओं पर ध्यान दिलाती है। यह कविता समाज में बदलाव की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने का संदेश देती है। Read More Class 6 Hindi Summaries.
कराहती दहाड़ Summary In Hindi
कराहती दहाड़ पाठ का सार
बच्चे चिड़ियाघर देखने गए थे। वे पेड़ों पर उछलते-कूदते प्राणियों को देख कर खुश थे। अचानक बाघ की दहाड़ सुन कर वे सहम गए। एक पिंजरे जैसे आवास में बहुत बड़ा बाघ बंद था। कुछ साहसी बच्चे उसके निकट चले गए। बाघ ने उनसे कहा कि डरो मत। धरती का सब भयानक जानवर वह नहीं था। धरती का सबसे भयानक जानवर तो मनुष्य है, वह तो जंगल में अपनी माँ के साथ रहता था। वह बहुत ही छोटा था। उसका वजन केवल एक किलो था और आँखें बंद। पर अब तो वह पिंजरे में बंद है।
बड़ा होने पर बाघ का शरीर 11 फुट तक लंबा और वजन लगभग 300 किलो हो जाता है। चार वर्ष के वे युवा हो जाते हैं। जन्म के बाद छः से आठ सप्ताह तक वे अपनी माँ का दूध पीते हैं और बाद में मांस खाने लगते हैं। बाघ प्रायः अकेले रहना पसंद करते हैं। एक विशेष गंध से वे अपनी सीमा निश्चित कर लेते हैं। जंगल में वे तरह-तरह के पशुओं का शिकार करते हैं पर चिड़ियाघर में तो उन्हें जीने के लिए जैसा भी हो वैसा मांस खाना ही पड़ता है। वे मनुष्य को आत्मरक्षा, बीमारी, कमज़ोरी की अवस्था में ही मारते है। मनुष्य तो अपने स्वार्थ के कारण उन्हें मारता है। एशिया में तो अब केवल 2100 बाघ शेष बचे हैं जिन में से भारत में इनकी संख्या 1400 है। अब इनकी सुरक्षा के लिए टाइगर-परियोजना चलाई गई है।
Conclusion:
“कराहती दहाड़” कविता का संक्षेपन करते समय, यह कहा जा सकता है कि कवि ने समाज में उठी समस्याओं के प्रति अपनी आवाज को उठाने और परिवर्तन की आवश्यकता को प्रमोट किया है। इसके माध्यम से वह एक सकारात्मक संदेश देते हैं कि समाज को सुधारने की दिशा में हम सभी का योगदान महत्वपूर्ण है।