“तीज” एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो भारत में विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह त्योहार श्रद्धा और आत्मा समर्पण का प्रतीक है और महिलाओं के सुख, स्वास्थ्य, और परिवार की खुशियों की कामना के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के महत्व को समझने के लिए, हमें इसके पारंपरिक महत्व और धार्मिक आधार को विशेष रूप से महत्वपूर्ण रूप से देखना चाहिए। Read More Class 6 Hindi Summaries.
तीज Summary In Hindi
तीज पाठ का सार
सावन मास के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन से तीज का त्योहार शुरू होता है। यह तेरह दिन तक चलता है। शिष्टाचार के नाते इसमें पुरुषों का प्रवेश निषिद्ध होता है। कुछ मनचले नौजवान लुक-छिप कर यह त्योहार देखने चले जाते हैं। आजकल तीज का मेला बड़े शहरों में एक-दो दिन के ‘झूला उत्सव’ तक सिमट कर रह गया है। तीज का त्योहार पुत्र वधू (बहू) को सम्मान देने का प्रतीक है। इस अवसर पर ससुराल की ओर से नये कपड़े, गहने और मिठाइयाँ भेजी जाती हैं। इसमें कुछ सजने-सँवरने का सामान भी होता है। झूलने के लिए एक बड़ी रस्सी तथा भतीजे-भतीजियों के लिए खिलौने भी भेजे जाते हैं। खिलौनों में एक गुड्डा और एक गुड़िया होती है। इस सारी सौगात को ‘संधारा’ कहा जाता है।
तीज का आखिरी दिन रक्षा बन्धन की शाम होती है। बहन भाई के राखी बाँधकर ‘सलूनों’ का शगुन मनाती है। राखी के अगले दिन भादों का महीना आरम्भ हो जाता है। विवाहित स्त्रियाँ ससुराल लौटती हैं। यह ‘तीआँ’ का त्योहार बनकर हर साल दिल को छू लेता है।
Conclusion:
“तीज” त्योहार का संक्षेपन करते समय, हम यह समझते हैं कि यह त्योहार महिलाओं के जीवन में खुशियों और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसके माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक अर्थ में समाज में एकता, सामंजस्य, और विशेषता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। तीज के त्योहार से हमें महिलाओं के महत्वपूर्ण भूमिका की महत्वपूर्ण याद दिलाता है और हमें उनके समर्पण और समर्पण की सराहना करनी चाहिए।