उसकी माँ Summary In Hindi

Uski Maa” is a Hindi phrase that translates to “His/Her Mother” in English. The phrase is often used in storytelling and conversations to refer to someone’s mother. In storytelling and conversations, it is a reference to the mother of a person under discussion the significance of someone’s mother in their life or to emphasize a particular aspect of their relationship with their mother. Read More Class 11 Hindi Summaries.

उसकी माँ Summary In Hindi

उसकी माँ कहानी का सारांश

‘उसकी मां’ कहानी पाण्डेय बेचन शर्मा उग्र की महत्त्वपूर्ण कहानियों में से एक है। यह कहानी राष्ट्रीय भावना से पूर्ण है। कुछ क्रान्तिकारियों ने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दे दिया। लेखक ने कहानी में लाल की माँ के बलिदान और ममता का वर्णन किया है।

लेखक दोपहर के समय अपनी पुस्तकालय से किसी महान् लेखक की कृति देखने की बात सोच रहा था कि उसके घर पुलिस सुपरिटेंडेंट पधारे। उन्होंने एक तस्वीर दिखाकर उसके विषय में जानकारी चाही। लेखक ने बताया कि वह उनका पड़ोसी लाल है जो कॉलेज में पढ़ रहा है। जाते-जाते पुलिस सुपरिटेंडेंट ने लेखक को सलाह दी कि वह लाल के परिवार से जरा सावधान और दूर रहे।

लेखक ने लाल की माँ से भी उसके विषय में जानने की कोशिश की कि उसका बेटा आजकल क्या करता है। कहीं वह सरकार के विरुद्ध षड्यन्त्र करने वालों का साथी तो नहीं बन गया है। उसने लाल से भी यही बात पूछी। लाल ने बताया कि वह किसी षड्यन्त्र में शामिल नहीं पर उसके विचार अवश्य स्वतन्त्र हैं। वह देश की दुर्दशा पर दु:खी है। लेखक ने लाल को समझाया कि उसे केवल पढ़ना चाहिए। पहले घर का उद्धार कर लो तब सरकार के उद्धार का काम करना।

एक दिन लेखक ने लाल की माँ से लाल के मित्रों के बारे में जानना चाहा तो लाल की माँ ने बताया कि लाल और उसके मित्र पुलिस के अत्याचारों की बातें करते हैं। लेखक कुछ दिनों के लिए बाहर गया। लौटने पर उसे मालूम हुआ कि पुलिस लाल और उसके बारह-पन्द्रह साथियों को पकड़कर ले गई है। तलाशी में लाल के घर से दो पिस्तौल, बहुत से कारतूस और पत्र बरामद हुए थे। उन पर हत्या, षड्यन्त्र और सरकार उल्टने की चेष्टा आदि के अपराध लगाए गए।

लाल और उसके साथियों पर कोई एक वर्ष तक मुकद्दमा चला कि कोई भी वकील उनका केस लड़ने को तैयार न हुआ। मुकद्दमे के दौरान लाल की माँ सबको नियमपूर्वक भोजन पहुँचाती रही। फिर एक दिन अदालत का फैसला आया, जिसके अनुसार लाल और उसके तीन साथियों को फाँसी और उसके शेष साथियों को सात से दस वर्ष की कड़ी सजा सुनाई गई। फांसी पाने से पहले लाल ने अपनी माँ को लिखा कि वह भी वहीं आ जाए। वह जन्म-जन्मांतर तक उसकी माँ रहेगी।

अगले दिन लेखक ने देखा कि लाल की माँ दरवाज़े पर मरी पड़ी है।

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