गाता खग कविता Summary In Hindi

Gata Khag” is a Hindi poem written by the famous Indian poet Maithili Sharan Gupt. The poem revolves around the theme of freedom and the desire for liberation. “Gata Khag” can be roughly translated to “The Departing Bird” in English. The poem depicts a bird that yearns to break free from its cage and soar into the open sky. The bird represents the human spirit’s desire for freedom and the longing to break free from constraints, whether they are physical, societal, or personal. Read More Class 10 Hindi Summaries.

गाता खग कविता Summary In Hindi

गाता खग कवि परिचय

छायावादी हिंदी-काव्य के उन्नायकों में श्री सुमित्रानंदन पंत का नाम प्रमुख है। इनका बचपन का नाम गुसाई दत्त था। अल्मोड़ा के निकट कौसानी नामक ग्राम में 20 मई, सन् 1900 ई० को उत्पन्न पंत जी को अपनी माँ का प्रेम नहीं मिल पाया था क्योंकि इन्हें जन्म देते ही वह सदा के लिए इस संसार को छोड़ गई थी। इनका जीवन प्रकृति की गोद में बीता था। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से ही प्राप्त की थी।

केवल नौ वर्ष की आयु में ही संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर लेने के पश्चात् इन्होंने सन् 1919 में म्योर सेंट्रल कॉलेज, इलाहाबाद में शिक्षा प्राप्ति के दौरान अंग्रेजी और बंगला की काव्य-कृतियों से परिचय प्राप्त किया। अंग्रेज़ी के शैली, वर्ड्सवर्थ, टैनीसन, कॉलरिज तथा बंगला के रविंद्र नाथ टैगोर की सौंदर्यात्मक रचनाओं ने इन्हें बहुत प्रभावित किया।

सन् 1921 ई० में गाँधी जी के असहयोग आंदोलन के प्रभावस्वरूप इन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी लेकिन राजनीति में सक्रिय भाग न लेकर अपनी काव्य-साधना जारी रखी थी। सन् 1930 ई० में ये कलाकांकर के महाराज के स्नेहभाजन बन कर रहने के लिए उनके पास ही चले गए और दस वर्ष तक इन्होंने ‘रूपाभ’ नामक पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया था पर किन्हीं कारणों से यह एक वर्ष से अधिक न चल सकी। कुछ वर्ष तक रेडियो से संबंधित रहने के पश्चात् इन्होंने स्वतंत्र रूप से लेखन कार्य किया। इन्होंने रूस, जर्मनी, फ्रांस आदि देशों की यात्राएँ भी कीं। इन्हें कार्ल मार्क्स, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, अरविंद जैसी महान् विभूतियों के दर्शन ने अत्यन्त प्रभावित किया। सन् 1977 ई० में इनका देहांत हो गया था।

रचनाएँ-उच्छवास, ग्रंथि, वीणा, पल्लव, गुंजन, युगांत, युगवाणी, ग्राम्या, स्वर्ण-किरण, स्वर्ण-धूलि, युगपथ, उत्तरा, शिल्पी, वाणी, कला और बूढ़ा चांद, लोकायतन आदि। पंत जी के काल में प्रकृति-चित्रण के अतिरिक्त सौंदर्य-चित्रण, मानव प्रेम, शोषितों की पीड़ा, गांधीवादी विचारधारा आदि का प्रभाव भी दिखाई देता है। इसके काव्य में गीति-तत्व की प्रमुखता है। भाषा इनकी तत्सम प्रधान होते हुए भी तद्भव, देशज, विदेशी आदि शब्दों से युक्त है।

गाता खग कविता का सारांश

‘गाता खग’ कविता में सुमित्रानंदन पंत ने प्रकृति के माध्यम से मानव-जीवन, उसकी कामनाओं, कार्य-व्यापारों, नश्वरता आदि का वर्णन किया है। प्रभातकालीन आकाश में विचरण करते पक्षियों का कलरव, जीवन के सौंदर्य और सुख का संदेश देता है। अनंत आकाश में छाए अंधकार में टिमटिमाते तारे मानव जीवन की करुणा और दुःख का संदेश देते प्रतीत होते हैं। सुबह सवेरे खिले फूल वातावरण को सुगंधित करते हुए मानव को अपना जीवन प्रसन्नता और आनंद से व्यतीत करने की प्रेरणा देते हैं। सागर अथवा नदी में उठने वाली लहरों से मानव को निरंतर गतिमान रहते हुए साधना करने के लिए प्रेरित किया है। लहरों की सिहरन, किनारे से टकरा कर चूर-चूर हो कर सागर में समा जाना आसीम का असीम में समा जाना है।

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