“Maithilisharan Gupt” was a celebrated Hindi poet who played a significant role in the “Chhayavaad movement”, a literary movement that emphasized romanticism, mysticism, and spiritualism. Here’s a description of his poetry (“pad”) in English: Maithilisharan Gupt’s ke “pad” are a collection of poetic compositions that exemplify the essence of Chhayavaad. His verses are imbued with profound emotions, metaphysical reflections, and a deep connection to nature and spirituality. Read More Class 12 Summaries.
मैथिलीशरण गुप्त के पद Summary In Hindi
मैथिलीशरण गुप्त जीवन परिचय
मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय दीजिए।
आधुनिक काल के प्रमुख कवि मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म 3 अगस्त, सन् 1886 ई० में जिला झांसी के चिरगांव नामक स्थान पर हुआ। राम भक्ति और काव्य रचना की प्रेरणा इन्हें अपने पिता रामचरण जी से मिली थी। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने इनका मार्गदर्शन किया और उत्साह बढ़ाया। इनकी शिक्षा घर पर ही हुई थी और इन्होंने हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, बंगला, मराठी आदि अनेक भाषाओं का अध्ययन किया था।
राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत कविताएं लिखने के कारण इन्हें राष्ट्रकवि माना जाता है। इन्हें भारत सरकार ने ‘पद्मभूषण’ से तथा आगरा विश्वविद्यालय ने डी० लिट् से अलंकृत किया था। ये सन् 1952 से 1954 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे। इनके महाकाव्य साकेत पर इन्हें मंगला प्रसाद पुरस्कार प्रदान किया गया था। इनका 12 दिसम्बर, सन् 1964 को देहान्त हो गया था। इनकी रचनाओं में भारत-भारती, पंचवटी, जयद्रथ वध, साकेत, यशोधरा .एवं गुरुकुल प्रसिद्ध हैं।
मैथिलीशरण गुप्त कविता का सार
प्रस्तुत कविता ‘यशोधरा’ खण्डकाव्य से ली गई है। इसमें कवि ने गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा की व्यथा को व्यक्त किया है। गौतम बुद्ध मोक्ष प्राप्ति के लिए बिना यशोधरा को बताए तथा महल में छोड़कर वन में चले जाते हैं तो यशोधरा को लगता है कि उनके पति यदि उसे बताकर जाते तो वह उनके पथ की बाधा नहीं बनती बल्कि स्वयं ही उन्हें सजाकर विदा करती, किन्तु उसे यह भी सौभाग्य नहीं मिला और उसके पति ने उसे मुक्ति के मार्ग में बाधक सामान्य नारी समझा और उसके धर्म, त्याग, साहस आदि को नहीं पहचाना। वह अब भी उनके लिए सिद्धि प्राप्त करने की कामना करती है।
Read More Summaries: