PSEB 9th Class Summary In Hindi

PSEB 9th Class Summary In Hindi

Punjab State Board Syllabus PSEB 9th Class Hindi Summaries Pdf is part of PSEB 9th Class Summary In Hindi  provides students with essential knowledge and skills to master the eighth-grade education and excel in the field of Hindi. It serves as a crucial stepping stone in their educational journey, equipping them with a well-rounded foundation for higher studies and future endeavors.

Punjab School Education Board 9th Class Summary In Hindi

The PSEB 9th Class Summary In Hindi is a comprehensive summary of the Punjab School Education Board’s 9th class syllabus in Hindi. The summary is written in a clear and concise style, and it is easy to understand. It is a valuable resource for students who are preparing for their PSEB 9th class Hindi examinations.

सरफ़रोशी की तमन्ना Summary in Hindi

सरफ़रोशी की तमन्ना Summary In Hindi

“Sarfaroshi Ki Tamanna” is closely associated with the bravery and determination of the freedom fighters who were willing to lay down their lives to secure a brighter future for India. This phrase continues to symbolize the enduring spirit of revolution and serves as a reminder of the sacrifices made by those who fought for India’s freedom. Read More Class 8 Hindi Summaries.

सरफ़रोशी की तमन्ना Summary in Hindi

सरफ़रोशी की तमन्ना पाठ का सार

‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ शीर्षक पाठ शिवशंकर द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्तों की देशभक्ति का गुणगान किया है। दृश्य एक लायलपुर लाहौर में विद्यावती अपने बेटे भगत सिंह के प्रति बहुत चिन्तित है जो स्कूल गया हुआ हैं। वह अपनी बेटी अमरों से बार – बार उसके आने के बारे में पूछ रही थी। वह कह रही थी कि अंग्रेजों ने जलियाँवाला बाग़ में बहुत भद्दा खेल खेला है। शायद ये पागल हो गए है।

इसी बीच भगत दौड़ कर अपनी माँ से चिपक जाता है। उसने अपनी माँ को बताया कि वह तो जलियाँवाला बाग़ की पावन धरती को प्रणाम करने गया था। वहाँ दरिंदे अंग्रेज़ों ने हज़ारों स्त्री, पुरुषों, बच्चे, बूढ़ों को शहीद कर दिया। वहाँ की दीवारें, पेड़ – पौधे, कुएँ भी शहीदों की कुर्बानी बता रहे थे।

गोरों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियाँ बरसाई थीं। भगत अपनी माँ और बहन के सामने मिट्टी की सौगंध खाकर भारत माँ को आजाद करवाने की बात। सुखदेव ने आज़ादी की चिंगारी भड़का रखी है। भगत की माँ भी भारत के आज़ाद होने की कल्पना करने लगीं।।

दृश्य – दो – भगत सिंह लाहौर से दिल्ली में क्रान्तिकारियों के गुप्त स्थान पर चन्द्रशेखर आज़ाद के साथ मिलने आया। उसे देखकर आज़ाद भी खुश हुए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, आज़ाद आदि देशभक्तों इन्कलाब जिन्दाबाद के नारे लगाए। तभी राजगुरु ने सब को साइमन के भारत आने की सूचना दी। आजाद ने उसका विरोध करने की योजना बताई कि हम सभी लाला लाजपतराय के नेतृत्व में इसका विरोध करेंगे। सभी पुनः इन्कलाब ज़िन्दाबाद भारत माता की जय के नारे लगाने लगे।

दृश्य – तीन – क्रान्तिकारियों के दफ्तर में राजगुरु को भगत, आज़ाद सभी देशभक्त क्रान्तिकारी परस्पर विचार – विमर्श कर रहे थे कि ये अंग्रेज़ अपनी हरकतों से बाज नहीं आएँगे। भगत ने अंग्रेजी सरकार को विस्फोट से उड़ाने की बात कही तभी आज़ाद ने उसे धैर्य रखने को कहा कि समय आने पर विस्फोट भी होगा। सभी क्रान्तिकारियों ने लाला जी की हत्या का बदला लने के लिए लाहौर माल रोड़ पर सांडर्स को गोलियों से भून दिया तथा वहाँ से भाग गए।

सरफ़रोशी की तमन्ना कविता

आज़ाद की योजना से भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने विधानसभा में बम फेंका किन्तु उससे किसी को कोई हानि नहीं हुई। भगत सिंह बटुकेश्वर दत्त पकड़े गए। इसके बाद अंग्रेज़ों ने अपना दमनचक्र चलाकर राजगुरु, सुखदेव के अतिरिक्त अनेक युवक जेलों में डाल दिए। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई तथा बटुकेश्वर दत्त को काले पानी की सज़ा दी गई।

दृश्य – चार – जेल के केन्द्रीय कक्ष में सभी क्रांतिकारी सरफ़रोशी की तमन्ना गीत गाते हैं। वे मौत की सज़ा के बाबजूद जिस निडरता से गीत गाते हुए खुश थे उन्हें देखकर जेलर अचंभित हो उठे। जेलर के कहने पर भगत ने उसे बताया कि भगवान शिव ने सृष्टि के कल्याण के लिए विष पी लिया था। यह तो हमारे लिए प्याला है। राजगुरु के अनुसार हमारी शहादत भारतवासियों का राह दिखाएगी।

जेलर ने क्रान्तिकारियों से उनकी अन्तिम इच्छा पूछी तो भगत ने बेबे के हाथ की बनी रोटियाँ खाने को कहा। भगत, राजगुरु, सुखदेव सभी क्रान्तिकारी मेरा रंग दे बसंती चोला गीत गाने लगे। सभी भारत माता के प्रति समर्पण के भाव से भारत माता की जय, इन्कलाब ज़िन्दाबाद के नारे लगाने लगे। इसके बाद सभी ने फांसी का फंदा चूम लिया।

PSEB 8th Class Summary In Hindi

PSEB 8th Class Summary In Hindi

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Punjab School Education Board 8th Class Summary In Hindi

Punjab School Education Board 8th Class Hindi Second Language Summary In Hindi

The PSEB 8th Class Summary In Hindi is a comprehensive summary of the Punjab School Education Board’s 8th class syllabus in Hindi. The summary is written in a clear and concise style, and it is easy to understand. It is a valuable resource for students who are preparing for their PSEB 8th class Hindi examinations.

होंगे कामयाब Summary in Hindi

होंगे कामयाब Summary in Hindi

“Honge Kamyab” is a Hindi phrase that translates to “We will be successful” in English. This phrase embodies the spirit of determination, resilience, and optimism. It serves as a motivational mantra, inspiring individuals to persevere through challenges and setbacks with the belief that success is attainable. Read More Class 8 Hindi Summaries.

होंगे कामयाब Summary in Hindi

होंगे कामयाब कविता का सार

‘होंगे कामयाब’ एक प्रेरणादायक कविता है। कवि ने इसमें मनुष्य को अपने भीतर आत्म – विश्वास पैदा करने को कहा है। हम मिल – जुल कर लगातार अपने काम में लगे रहें। हो सकता है कि हमें विफलता का भी सामना हो जाए, परन्तु यदि हम संगठित रूप में दिल लगाकर अपने काम में लगे रहें तो एक – न – एक दिन अवश्य सफल हो जाएँगे। हमें यह पूरा विश्वास रखना चाहिए कि मिलकर चलने से शान्ति स्थापित हो जाएगी। हम किसी से डरेंगे नहीं। आज हमें किसी का भय नहीं है। हम साथ – साथ मिलकर चलेंगे। ये बातें अपने मन में बिठा लेनी चाहिए।

अंतरिक्ष परी : कल्पना चावला Summary in Hindi

अंतरिक्ष परी कल्पना चावला Summary in Hindi

“Antariksha Pari Kalpana Chawla” translates to “Space Fairy Kalpana Chawla” in English. This phrase pays tribute to the inspiring and legendary astronaut, Dr. Kalpana Chawla, who broke barriers and reached for the stars. Dr. Kalpana Chawla, an Indian-American astronaut, made history as the first woman of Indian origin to travel to space. Her remarkable journey from a small town in India to the vast expanses of space serves as a symbol of determination, courage, and the pursuit of dreams. Read More Class 8 Hindi Summaries.

अंतरिक्ष परी : कल्पना चावला Summary in Hindi

अंतरिक्ष परी : कल्पना चावला पाठ का सार

‘अन्तरिक्ष परी : कल्पना चावला’ शीर्षक पाठ डॉ. सुनील बहल द्वारा रचित है। इसमें लेखक ने अन्तरिक्ष परी कल्पना चावला के बारे में बताया है। प्रत्येक मनुष्य सपने देखता है किन्तु सपने पूरे करने के लिए अनथक परिश्रम, दृढ़ निश्चय, आत्मविश्वास एवं एकाग्रता की अत्यंत आवश्यकता पड़ती है। इन्हीं गुणों से कल्पना चावला ने अपने सपनों को पूरा किया। उनका मानना था कि सपनों में सफलता की ओर जाने की राह होती है।

इनका जन्म 1 जुलाई, सन् 1961 ई० में हरियाणा राज्य के करनाल के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इनकी माँ का नाम श्रीमती संज्योति तथा पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला है। कल्पना चावला अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। घर में उसे प्यार से मोंटू कह कर बुलाते थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टैगोर बाल निकेतन स्कूल में हुई। वह बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति की थी। उनका बचपन से आसमान में उड़ने का सपना था।

उन्होंने आठवीं कक्षा में ही अपने माता-पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर की। सन् 1978 ई० में कल्पना ने प्री इंजीनियरिंग पास की। सन् 1982 ई० में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चण्डीगढ़ से ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका जाकर स्नातकोत्तर की डिग्री टैक्सास विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वहीं जीन पियरे हैरिसन उसके मित्र बन गए जो फ्लाइंग क्लब का छात्र थे।

कल्पना भी उसके साथ फ्लाइंग क्लब में जाने लगी। सन् 1983 ई० में कल्पना तथा हैरिसन का विवाह हो गया। सन् 1988 ई० में कल्पना ने कोलोराडो विश्वविद्यालय से ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएच०डी० की डिग्री प्राप्त की। सन् 1993 ई० में अमेरिका में कैलिफोर्निया की कम्पनी मेथडस इन्कॉर्पोरेशन में उपाध्यक्ष पर कार्य किया। सन् 1994 में नासा में उन्हें अन्तरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। इससे कल्पना को बहुत खुशी हुई। इससे उनका आत्मविश्वास और अधिक बढ़ गया। 16 मार्च, सन् 1995 ई० को कल्पना चावला ने एक वर्ष तक प्रशिक्षण शुरू किया। इसके बाद उनकी नियुक्ति अंतरिक्ष यात्री के प्रतिनिधि के रूप में हुई। 19 नवम्बर, सन् 1997 ई० को भारतीय समयानुसार दोपहर 2:37 बजे कल्पना ने अपने दल के साथ एस० टी० एस० 87 अन्तरिक्ष यान द्वारा अपनी पहली उड़ान भरी। यह मिशन 17 दिन, 16 घंटे, 32 मिनट अन्तरिक्ष में रहकर पृथ्वी पर लौट आया।

इसमें अन्तरिक्ष में 161 भारहीनता से भौतिक क्रियाओं को प्रभावित करने वाले परीक्षणों पर जोर दिया गया। कल्पना ने दूसरी उडान 16 जनवरी, सन 2003 को अन्तरिक्ष यान कोलम्बिया से शुरू की। इस मिशन में अन्तरिक्ष में 80 परीक्षण एवं प्रयोग किए गए। यह अन्तरिक्ष यान 16 दिनों के बाद लौट रहा था कि अचानक 1 फरवरी, सन् 2003 को पृथ्वी से 63 किलोमीटर की ऊँचाई पर बड़े धमाके के साथ टूटकर बिखर गया जिसमें कल्पना सहित छ: अन्य अन्तरिक्ष यात्री अन्तरिक्ष में विलीन हो गए। इस घटना ने सारे विश्व को झकझोर कर रख दिया।

सारा संसार दुःख के सागर में डूब गया। कल्पना के परिवार के सदस्य भी उनके स्वागत के लिए अमेरिका पहुँच चुके थे। वे उनके इंतज़ार में थे किन्तु कल्पना सभी को रोता छोड़कर कल्पनाओं में खो गई। वास्तव में कल्पना युवाओं की प्रेरणा स्रोत रहेगी।

मेरा दम घुटता है Summary in Hindi

मेरा दम घुटता है Summary in Hindi

“Mera Dum Ghutta Hai” is a popular Hindi phrase that translates to “I’m out of breath” in English. This expression is often used to convey a sense of exhaustion or being overwhelmed by a situation. It encapsulates the feeling of being physically or emotionally drained, unable to cope with the demands of life or a particular circumstance. Read More Class 8 Hindi Summaries.

मेरा दम घुटता है Summary in Hindi

मेरा दम घुटता है पाठ का सार

‘मेरा दम घुटता है’ नामक शीर्षक की एकांकी पंकज चतुर्वेदी द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने वायुमंडल में बढ़ रहे प्रदूषण के प्रति चिन्ता व्यक्त की है। पर्दे पर चारों तरफ़ हरे-भरे पेड़ खड़े हैं। दूर तक कोई बस्तियाँ या इन्सान दिखाई नहीं दे रहे। यहां हवा की कई घटक गैसों की सभा चल रही है। इस सभा में ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा ओजोन है। शहर से दूर फलों का बगीचा था।

सभा के प्रारम्भ में नाइट्रोजन ने सभी का बैठक में स्वागत किया। इसकी अध्यक्ष ऑक्सीजन थी जो पृथ्वी जीवन की मूलाधार है। ऑक्सीजन के अनुसार आज उसके जीवन को ही ख़तरा बना हुआ है। हाइड्रोजन ने कहा कि उसके बिना उसकी हालत ख़राब है। दोनों के साथ रहने से ही पृथ्वी पर पानी उपलब्ध है। दुनिया का आधे से अधिक भाग में पानी है। पानी के बिना जीवन भी सम्भव नहीं है।

ऑक्सीजन ने बताया कि आज वायु का अस्तित्व खतरे में है। नाइट्रोजन ने बताया कि इस सभा के लिए कोई भी सुरक्षित जगह नहीं मिल रही थी। चारों तरफ़ काली पीली जहरीली गैसें हमला कर देती थीं। ऐसा लगता है कि कहीं हमारा बहुमत ही खत्म न हो जाए। जहरीली गैसों के कारण उनकी सेहत बिगड़ रही है। ऑक्सीजन ने कहा कि चारों तरफ़ धुआँ ही धुआ है। स्कूटर, बस, ट्रैक्टर, चिमनी, कारखाने आदि से विषैली गैसें एवं धुआँ निकल रहा है।

नाइट्रोजन ने बताया कि उसे स्वयं जगह तलाशने में बहुत मुश्किलें आई। ऑक्सीजन ने बताया कि पिछले समय के गाँव अच्छे थे। नाइट्रोजन ने कहा कि उस गाँव में सड़क बन रही है। वहाँ बहुत तारकोल गर्म हो रहा था; काला धुआँ निकल रहा था। चारों तरफ़ धुआँ ही धुआँ था। हाइड्रोजन ने कहा कि सिगरेट, बीड़ियों का धुआँ हमारा तो नुकसान करता है, धरती पर रहने वाले लोगों को भी बीमार कर रहा है।

यहां आदमी खुद का नुकसान खुद कर रहे हैं। इससे मनुष्य को दमा, साँस से सम्बन्धित रोग, फेफड़ों के रोग, त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ सभी तो इसी वायु प्रदूषण से ही हो रही हैं। नाइट्रोजन ने बताया कि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड बहत तेज़ गति से बढ़ रही है। चारों तरफ़ कारखाने, गाड़ियाँ इसे छोड़ रहे हैं।

कार्बन डाइऑक्साइड कहने लगी कि वह तो वायुमंडल में केवल आधी प्रतिशत से भी कम थी, परन्तु मानव जाति ने मेरी मात्रा को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। मेरे साथ-साथ कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है। जो मानव जीवन का नुकसान कर रही है।

ओज़ोन कहने लगी कि उसकी मात्रा बहुत कम है। मानव इससे निरन्तर छेड़खानी कर रहा है।

सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से लड़ने की शक्ति मुझ में ही है। उसकी अनुपस्थिति में ये किरणें धरती के लोगों को अनेक बीमारियों का शिकार बना लेती हैं। धरती से दस से पंद्रह किलोमीटर उँचाई पर वायुमंडल में ओज़ोन की पहली परत है। रासायनिक गैस के कारण ओज़ोन की सुरक्षा परत टूटती-फूटती जा रही है। हाइड्रोजन ने बताया कि स्वीडन में वर्षा होने पर जल के साथ तेज़ाब बरस रहा है। इंग्लैण्ड के कारखानों ने ऊँची-ऊँची चिमनियां लगा ली हैं।

उनका धुआँ स्वीडन तक पहुँच जाता है। इनसे नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड गैसें निकलती हैं। इतना ही नहीं हमारे देश में भी ऐसी बारिश होने की संभावना है। इसी से धरती का तापमान बढ़ रहा है। ऑक्सीजन ने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने का उपाय है कि अधिक-से-अधिक पेड़ लगाए जाएं।

नाइट्रोजन से कहा कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा को प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से सोख लेते हैं और ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।

ऑक्सीजन आदमी द्वारा पेड़ों पर दवाई छिड़कने से परेशान है। हाइड्रोजन रसायनों के प्रयोग से चिन्तित जिनके कारण रसायन वायुमण्डल में घुल रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो वायुमण्डल अधिक दूषित हो जाएगा।

प्रेरणा Class 8 Summary in Hindi

प्रेरणा Class 8 Summary in Hindi

The poem “Prerna” is a lyrical composition that encapsulates the essence of inspiration and motivation. Through its verses, it delves into the profound power of determination and resilience in the face of adversity. The poem explores the idea that inner strength, when ignited by a spark of inspiration, can propel individuals to overcome obstacles and achieve greatness. Read More Class 8 Hindi Summaries.

प्रेरणा Summary in Hindi

प्रेरणा कविता का सार:

‘प्रेरणा’ नामक पाठ लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित है जिसमें उन्होंने जीवन की प्रेरणा देने का प्रयास किया है। एक बार गाड़ी में जाते हुए लाल बत्ती चौक पर गाड़ी रुकी तो मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर सात-आठ साल के गुब्बारा बेचने वाले बच्चे पर पड़ी। वह गाड़ियों के पास जा-जाकर गुब्बारे बेच रहा था। गुब्बारे बेचने के पश्चात् पैसे लेते समय जो खुशी उसके चेहरे पर थी वह उसके भावों से महसूस हो सकती थी।

हरी बत्ती पर लेखिका की गाड़ी पहुँचने पर लड़के ने फिर उनसे गुब्बारे लेने का आग्रह किया। लेखिका ने गुब्बारे लिए बिना ही उसे खाने के बिस्कुट दिए और उसे पढ़ने के लिए कहा। लड़का उनकी बात अनसुनी कर अपनी बहन के लिए भी बिस्कुट लेने को कहने लगा। लेखिका के बार-बार पढ़ने की बात कहने पर लड़का शायद अपने जीवन की पहली ज़रूरत को अच्छी तरह समझा। वह उत्सुकता से बिस्कुट खा रहा था।

पूछने पर लड़के ने बताया कि उसके पिता नहीं थे तो फिर उसे कौन पढ़ाता क्योंकि वह और उसकी बहन दोनों परिवार चलाने के लिए कमाते थे। अगले दिन रविवार को स्कूल से छुट्टी के दिन लेखिका उस लड़के को मिलने गई। लड़का उन्हें देखकर हैरान हो गया। लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था। लेखिका ने मनीष और सीमा को अपने जीवन को बदलने के लिए पढ़ने की प्रेरणा दी क्योंकि पढ़ने से ही जीवन बदल सकता है। उन्होंने प्रेरणा नामक सोसायटी के अंतर्गत चलने वाले स्कूल में पढ़ने के लिए कहा। तीन-चार दिन के पश्चात् लेखिका उनके पास आई तो मनीष ने उनसे नाराज़ होकर न आने का कारण पूछा। सीमा ने ही मैडम को बताया कि हमने कापी भी ले ली है।

दोनों बच्चों के भावों से उनके पढ़ने की बात झलक रही थी। लेखिका को उनकी माँ की तरफ से भी आज्ञा मिल गई। लेखिका ने मनीष एवं सीमा के सपने के बारे में पूछने पर मनीष ने पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा ने स्कूल मैडम बनने की इच्छा प्रकट की।

गिरधर की कुंडलियाँ Summary in Hindi

गिरधर की कुंडलियाँ Summary in Hindi

“Giradhar Ki Kundaliyan” translates to “Giradhar’s Horoscopes” in English. This word in all likelihood refers back to the practice of making and reading horoscopes or beginning charts, a common culture in astrology. Horoscopes are believed to offer insights into someone‘s personalityfuture, and life activities based totally at the positions of celestial bodies on the time of their delivery. Read More Class 8 Hindi Summaries.

गिरधर की कुंडलियाँ Summary in Hindi

गिरिधर की कुण्डलियाँ का सार

कुण्डलियों का सार प्रस्तुत कुण्डलियों में गिरिधर कवि ने प्रेरणा देते हुए कहा है कि बिना सोच – समझ के कार्य करने से काम बिगड़ जाता है। इससे जग में हँसी होती है और पछताना पड़ता है। हृदय में पीड़ा झेलनी पड़ती है। खाना – पीना राग – रंग कुछ भी अच्छा नहीं लगता। संसार में सब जगह स्वार्थ का व्यवहार होता है। मित्र केवल स्वार्थ पूरा करते हैं और साथ छोड़ देते हैं। सच्ची मित्रता तो कोई – कोई ही करता है। धन – दौलत होने से कभी अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि ये कभी स्थिर नहीं रहती। मीठे बचन बोलने चाहिए। विनम्र व्यवहार करना चाहिए। मनुष्य केवल चार दिन का ही मेहमान होता है।

वाघा बार्डर Summary in Hindi

“Wagah Border” is a famous international border crossing between India and Pakistan. Located near the Indian city of Amritsar and the Pakistani city of Lahore, it is known for its daily ceremonial closing of the border, a tradition that has been in place for decades. Read More Class 8 Hindi Summaries.

वाघा बार्डर Summary in Hindi

वाघा बार्डर पाठ का सार

‘वाघा बार्डर’ शीर्षक पाठ प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने बाघा बार्डर के बारे में बताया है। वाघा बार्डर को ‘एशिया की बर्लिन दीवार’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाला यह बार्डर जी० टी० रोड पर स्थित है। इसके एक तरफ लाहौर और दूसरी तरफ अमृतसर है। यह अमृतसर से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा जाते समय खालसा कालेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अलावा छेहरटा, खासा एवं अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी की आदमकद प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र है।

वाघा बार्डर Summary in Hindi 1

आज़ादी से पहले अंग्रेजों के समय में वाघा गांव पंजाब की लाहौर डिवीज़न में स्थित था। सन् 1947 ई० में विभाजन के बाद यह गाँव भारत-पाकिस्तान में बंट गया। भारत तथा पाकिस्तान के स्वतन्त्रता दिवस पर 14 और 15 अगस्त को दोनों देशों के अमन पसन्द नागरिकों ने वाघा बार्डर पर मोमबत्तियाँ जलाकर पारस्परिक स्नेह एवं सौहार्द को प्रकट किया था। यह भारत तथा पाकिस्तान के समझौते के रूप में जनता के बदले मन की प्रतिक्रिया स्वरूप था। जनता द्वारा आवाज़ उठाने पर ही दोनों देशों के बीच में सन् 2006 में व्यापार शुरू हुआ।

आज वाघा बार्डर पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ प्रतिदिन शाम को झंडा उतारने की रस्म होती है, जिसे देखने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के सैलानी अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग द्वारा रेखांकित किया जाता है। सड़क को लोहे के दो गेटों के साथ बंद कर दिया जाता है जिसके चारों तरफ कंटीले तार हैं। दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज लहराते हैं।

अपने-अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बी० एस० एफ० जवान तथा पाकिस्तानी रेंजस चौबीस घंटे पहरा देते हैं। बार्डर की गैलरी तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़-दो किलोमीटर लंबी पंक्ति में स्त्रियों तथा पुरुषों को अलग-अलग जाना पड़ता है। वहां बी० एस० एफ० जवान अच्छी तरह तलाशी लेते हैं। वहाँ न कोई खाने की सामग्री, बड़े पर्स नहीं ले जा सकते। फोन एवं कैमरे ले जा सकते हैं। झण्डा उतरने की रस्म से पहले स्पीकर ऊँची आवाज़ में देशभक्ति के गीतों का प्रसारण करते हैं।

उस समय सम्पूर्ण वातावरण भावमय हो जाता है। लोग जाति, धर्म, भाषा-भेदभाव को भूलकर पूरी तरह राष्ट्रीयता के रंग में रंग जाते हैं। इनमें अधिकांश स्त्रियाँ होती हैं जो अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करती हैं। इस सारी कार्यवाही में बी० एस० एफ० के जवानों की मुख्य भूमिका होती है।

बी० एस० एफ० के जवानों द्वारा भारतीय दर्शकों जिनमें विदेशी भी शामिल होते हैं तीन तरह के नारे लगा सकते हैं- हिन्दुस्तान जिंदाबाद, भारत-माता की जय तथा वन्दे मातरम्। भारतीय दर्शकों में विशेषकर लड़कियों और स्त्रियों के हाथ में तिरंगा लेकर मुख्य सड़क पर गेट के भीतर कुछ कदम दौड़ने की इजाजत होती है। दर्शक गैलरियों में भारतीय सैलानियों की भीड़ होती है।

मुख्य द्वारों के दोनों तरफ 4000 लोगों के बैठने की क्षमता है किन्तु वहाँ लगभग 8000 लोग एकत्र हो जाते हैं। रिट्रीट की रस्म प्रायः सायं 5:30 बजे शुरू होती है और लगभग आधे पौने घण्टे बाद पूरी होती है। इससे पूर्व बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह तथा जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं। वे पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। दर्शक तालियों से उनका उत्साह बढ़ाते हैं। झण्डा उतारते समय लोहे के गेट खोल दिए जाते हैं।

वाघा बार्डर Summary in Hindi 2

दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं। धीरे-धीरे दोनों देशों के जवान संगीत की मधुर ध्वनि में अपने-अपने देश के झण्डे उतारकर सम्भाल लेते हैं और गेटों को पुनः बंद कर दिया जाता है।

सहयोग Summary in Hindi

“Sahayog” is a Hindi word that translates to “cooperation” or “collaboration” in English. It embodies the fundamental principle of working together for a common purpose or goal. Cooperation is an essential element in various aspects of life, whether it’s in personal relationships, communities, or global endeavors. Read More Class 8 Hindi Summaries.

सहयोग Summary in Hindi

सहयोग पाठ का सार

इस पाठ में सहयोग के बारे में बताया गया है। इस संसार में कोई भी मनुष्य अपने में पूर्ण नहीं हैं। किसी में बुद्धि की कमी है तो किसी में शारीरिक बल की तथा किसी में अच्छाई की कमी है। मानव के स्वभाव में भी विविधता है। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग के द्वारा ही हम अपनी कमियों को पूरा कर अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं। अन्धे और लंगड़े की प्रसिद्ध कहानी सहयोग का अच्छा उदाहरण है जिसमें एक-दूसरे के सहयोग से बाढ के पानी से बचकर सुरक्षित स्थान पर पहँच गए थे।

सहयोग Summary in Hindi

मुसीबत के समय भी आदमी सहयोग से ही उसका मुकाबला करता है। लोहा भी पारस के स्पर्श से बहुमूल्य सोना बन जाता है। कमजोर तिनके भी आपसी सहयोग से मिलकर रस्सी बन जाते हैं। इसी तरह परस्पर सहयोग से कपोतराज चित्रग्रीव ने अनेक कबूतरों को शिकारी के चंगुल से आजाद करवा दिया था

सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। एक मशीन सभी पुों के परस्पर सहयोग से ही चलती है। एक पुर्जा खराब होने पर वह नहीं चल सकती। आदमी का शरीर भी अंगों के सहयोग से ही स्वस्थ रहता है। किसी एक अंग के खराब होने पर शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता। समाज को पूर्णता भी व्यक्तियों के सहयोग से मिलती है। वैसे भी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के सहयोग के बिना वह पशु के समान होता है।

समाज नर नारियों के परस्पर सहयोग से बनता है। उसी सहयोग से मानवता का विकास हुआ। परिवार समाज का एक अंग है जिसमें माता-पिता, भाई-बहन आदि अनेक लोगों का सहयोग होता है। माता घर का कामकाज करती है, बच्चों का पालन-पोषण करती है तो पिता ईमानदारी से रोजी कमाता है। सभी कार्य परिवार के लोगों के सहयोग से ही पूरे होते हैं। पड़ोसी भी समाज का अंग होते हैं। उनसे भी सहयोग की भावना जरूरी होती है।

उनसे भी मेलजोल बढ़ाना चाहिए। उनके साथ पूर्ण सहयोग करना चाहिए। स्कूल एक संस्था होती है, जिसमें अध्यापक, विद्यार्थी, चपरासी सभी का सहयोग होता है। सबके सहयोग से ही वह उन्नति करता है। इसी से साफ़-सफ़ाई अनुशासन बना रहता है। बच्चे भी परस्पर सहपाठी से सहयोग रखते हैं। उनके कार्य भी एक-दूसरे के सहयोग से पूर्ण होते हैं।

खेल के मैदान में भी खिलाड़ियों का एक-दूसरे से सहयोग आवश्यक होता है। उनमें खेल-भावना इसी से आती है। सद्भावना बनी रहती है। प्रेम-प्यार का प्रसार होता है।

बच्चों में सहयोग की भावना का विकास करने के लिए रैडक्रॉस, स्काउट, गर्लगाइड, एन० एस० एस०, एन० सी० सी० आदि संस्थाएं स्थापित की गई हैं। गाँव, कस्बे अथवा नगर में भी सहयोग बहुत आवश्यक होता है। सहयोग से ही मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह दूसरों के हित की सोचता है। वह प्राणी मात्र की सेवा एवं हित का ध्यान रखता है। उसमें मानवता का विकास होता है।

माँ कविता Summary in Hindi

माँ कविता Summary in Hindi

“Maa” is a deeply emotional and universal word that translates to “mother” in English. It encompasses a profound sense of love, care, and maternal connection that exists across cultures and languages. The word “Maa” evokes a range of sentiments, from warmth and comfort to a sense of security and unconditional love. Read More Class 8 Hindi Summaries.

माँ कविता Summary in Hindi

माँ कविता का सार:

‘माँ’ नामक कविता डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवयित्री ने ममतामयी माँ के वात्सल्य और त्याग का वर्णन किया है। माँ ईश्वर का अनूठा वरदान है। वह संसार के सब रिश्तों में महान् है। जीवन की परीक्षा देते हुए माँ किताब बन जाती है। उसकी कथनी में शिष्टाचार और करनी में संस्कार है।

माँ कविता Summary in Hindi

हर क्षण का अहसास कराते हुए माँ समय बन जाती है। उसके जागने से ही सुबह होती है और सोने से रात हो जाती है। माँ जब हर मुसीबत को हरा देती है तब वह हिमालय बन जाती है। साहस उसका हथियार है। उसमें अपार ऊर्जा है। ममता का प्रकाश फैलाते हुए माँ दीये की बत्ती बन जाती है।

वह दुःखों को स्वीकार करती है और सुख देने को सदाचार मानती है। उसके खुशी के आँसुओं से उत्सव बन जाता है। उसकी दुआओं में चमत्कार है। उसके प्रोत्साहन में जय – जयकार है। वह खुद कम खाकर जब अपने बच्चों को खिलाती है तब वह गौरेया बन जाती है।

उसमें वात्सल्य तथा प्रेमभाव समाया है। समर्पण उसका स्वभाव है। वह नदी की तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। मर्यादित रहना उसका व्यवहार है। सहनशीलता अच्छा उपहार है। वह धरती के समान निःस्वार्थ सेवा भाव जगाती है। उसका विस्तार केवल देने में है। उसके चरणों में ये स्वर्ग का द्वार है।